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रुद्रवर्त तीर्थ

श्रेणी धार्मिक

चक्रतीर्थ से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है भगवान शिव का अनोखा और इकलौता मंदिर, जहां शिवलिंग नहीं दिखाई देता है । इस स्थान को “रुद्रवर्त तीर्थ” और “रुद्रवर्त कुंड” के नाम से जाना जाता है। रुद्रावर्त मंदिर महादेव के चमत्कार का दुर्लभ और अनोखा प्रमाण है, जो वैज्ञानिकों को भी आश्चर्यचकित करता है।
मंदिर के कुंड में पांच फल चढ़ाने पर दो-तीन फल वापस आ जाते हैं, जबकि बाकी जल में प्रसाद के रूप में स्वीकार हो जाते हैं, जो एक चमत्कार है। लोगों का मानना है कि पातालपुरी में नदी की गहराई में भगवान शिव का शिवलिंग है, जिसके कारण ऐसा चमत्कार होता है। नैमिषारण्य तीर्थ में आस्था की इस घटना को लोग सदियों से देखते आ रहे हैं
बाबा श्री राम पुजारी ने गोमती नदी के किनारे एक मंदिर की स्थापना की। शिवलिंग 10 इंच ऊंचा और 2 फीट क्षेत्रफल में भूरे रंग का है। यह स्वयंभू शिवलिंग है
मंदिर के सामने कुछ ही दुकानें हैं, जिन्हें स्थानीय किसान और उनके बच्चे लगाते हैं। नैमिषारण्य जाते समय इस मंदिर के दर्शन अवश्य करें। शांत वातावरण और गोमती नदी का किनारा हर किसी का मन मोह लेगा।