देवपुरी मंदिर
चक्रतीर्थ से 1.5 किमी दूर पश्चिम दिशा में स्थित देवपुरी मंदिर का निर्माण स्वामी श्री नारदानंद ने करवाया था। यह नैमिषारण्य तीर्थ का सबसे बड़ा आश्रम है। यहां दुनिया भर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह पांच मंजिला मंदिर है जिसमें 108 मंदिर हैं।
यह पांच मंजिला मंदिर लगभग 3 एकड़ भूमि पर बना है, जिसमें देवपुरी आश्रम की पहली मंजिल पर 27 मंदिर बनाए गए हैं, जिनमें भगवान विष्णु, भगवान काली, बुद्ध और कृष्ण के 24 अवतारों को दर्शाया गया है। मंदिर की दूसरी मंजिल पर क्रम संख्या 28 से 54 तक बने सात मंदिरों में देवी नवदुर्गा के नौ रूपों का वर्णन किया गया है।
तीसरी मंजिल पर 55 से 81 तक बने मंदिरों में सभी देवी-देवताओं और नवग्रहों की स्थापना की गई है। चौथी मंजिल पर 82 से 108 तक बने मंदिरों में सभी देवता विराजमान हैं। पांचवीं मंजिल पर भगवान विष्णु, महाकालेश्वर शिव, श्री गुरुदेव नारदानंद सरस्वती महाराज, भगवान हनुमान, स्वामी सर्वदानंद, स्वामी विवेकानंद सहित कई मंदिर हैं। सभी मूर्तियां जयपुर से लाकर स्थापित की गई हैं। पुजारियों द्वारा प्रतिदिन इनकी पूजा की जाती है।